PinnedHow grief could make our 4D body part strong so that it does not leave a scar?I wish to describe it from my personal experience in spiritual journey as below:-Jun 10, 20232Jun 10, 20232
PinnedHakim Sanai on reality knows no should and no oughtTalking on Hakim Sanai’s book The Hadiqa: The walled garden, Osho talks about perspective of Hakim Sanai on realityOct 19, 20231Oct 19, 20231
PinnedSex is the seed, Love is the flower and Compassion is its fragrance-Osho Path of Tantra is suited for authentic and honest perso I followed this path, and it works! So I am sharing these from my experiences too…Mar 16, 20202Mar 16, 20202
PinnedPublished inShalyaUnderstanding helps in dropping the ego. | Philosia: The Art of seeing allUnderstanding helps in dropping the ego ie past, memory, mind. Translation of Quote in English :- Whatever we have learned, we need to…Aug 264Aug 264
PinnedPublished inHeart RevolutionBlack hole is like a seed for new lifeform | Philosia: The Art of seeing allOn 11 April, 2019 IST, I was watching BBC News in English when this breaking news of first image of Black Hole, created by Event Horizon…Aug 21Aug 21
तंत्र बुनियादी रूप से सच्चे आदमी की खोज है, झूठे की नहीं -ओशो | Philosia: The Art of seeing allतंत्र और नीतिOct 8Oct 8
कैपिटलिस्ट एज ए क्लास कांशस नहीं है। उसके अपने-अपने इंडिविजुअल इंट्रेस्ट हैं-ओशो | Philosia: The…कैपिटलिस्ट को एक क्लास के रूप में एकजुट करने का प्रयास एक संन्यासी होकर ओशो ने किया जो इस वार्ता से स्पष्ट है।Oct 5Oct 5
पूंजीवाद का ठीक विकास अनिवार्य रूपेण समाजवाद में ले जाता है। तो समाजवाद और पूंजीवाद में विरोध नहीं…पूंजीवाद और समाजवाद पर ओशो ने २-३ अक्तूबर १९६८ को मुंबई के सभ्रांत लोगों से मुलाक़ात के दौरान चर्चा के अप्रकाशित अंशOct 5Oct 5
समाजवाद पूंजीवाद की एक क्लाइमेक्स के बाद की स्थिति है।-ओशो | Philosia: The Art of seeing allसमाजवाद और पूंजीवाद पर ओशो द्वारा २-३ अक्टूबर १९६८ को मुंबई में देश का प्रतिष्ठित लोगों इनमें धीरूभाई, कल्याणजी और मीनू के नाम ओशो ने लिये…Oct 5Oct 5
मेरा यही मिशन है कि मुल्क में एक संवाद चल पड़े — ओशो | Philosia: The Art of seeing allमिशन यही है कि एक बात चल पड़े, एक चर्चा होने लगे, लोग सोचने लगें, लोग चेतने लगें, लोग बात करने लगें, लोग तय न रह जाएं, लोगों के पुराने…Oct 51Oct 51