Sandeep Kumar Verma
3 min readNov 28, 2019

चला चली का खेला

मेरे सतगुरु MY satguru- I never met personally, but followed his siggestions given in his books and reached my inner being, my eternal home.

सतगुरू मेरा वानिया, करता कर्म गंवार|

बिन कांटी बिन पालड़े(तराजु),

तौल दिया संसार॥

कहे ओशो कहे चेला, सब चला चली का खेला॥

जो भी बदल रहा है – चल रहा है-वह सिर्फ नाटक (play -खेल) का हिस्सा है, जो भी बदलरहा है उसे गंभीरता से मत लो, (जिसने ठहरकर देखा, उसी ने ये जाना)

मन को कुछ सेकंड रोज ठहराकर खुद जानने का प्रयत्न करते रहो इस चला चली को और इसे गंभीरता से लो.

इस मन के ठहराने को गंभीरता से लो क्योंकि वह जो ठहरा हुआ है वह ठहरकर ही जाना जा सकता है, उसी पर सारे बदलाव नोटीस और स्टोर किये जा सकते है।

वह तुम हो और उसका ना जन्म हुआ ना मृत्यु होगी। वह सिर्फ एक रोल करने स्टेज पर आया है और खत्म होने पर स्टेज छोड़ देना है, जो तुम्हारा शरीर है और जो तुम कर रहे हो या तुम्हें करने का मौका मिला है, वही तुम्हारा रोल है. सिर्फ डायलाग भी तुम्हारे नहीं होंगें open mike की तरह, और उनका परीणाम भी तुम्हींको…

यह पूरी धरती या वृहद कॉसमास ही एक स्टेज है और अनंत काल से अनंत काल का यह नाटक है जिसमें किरदार जन्म लेकर अंत तक रोल ही करते रहते हैं, इसलिए उन्हें वह हकीकत लगता है। पूरी कायनात इसमें रोल अदा कर रही है। इसलिए इसको. जैसा है वैसा ही समझ लेना जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटना है और इसका वर्णन भी नहीं किया जा सकता बस ‘जैसा है वैसा’ कहा है जिसने कहा.

बुद्ध ने चुप रहना पसंद किया और कहा तो इतना कि मेरे बताए अनुसार करके खुद देख लो । जीसस ने ‘भगवान का राज्य तुमको मिला ही हुआ है, उत्तराधिकार के रूप में’ बस जान जाओ कि तुम कौन हो- कहकर मोटीवेट किया। तो नानक हुकमी कहकर गीत गाते रहे।

कुछ लोग धरती पर अपने जीवन रूपी रोल को सीरीयसली ले लेते हैं और अपने आपको वही समझने लगते हैं जो उनका प्रोफेशन/पोस्ट/जाती/धर्म/देश…. सारे प्याज के छिलके होकर भी वह नहीं हो पाते जो हैं ही, जिसे बस जानना ही काफी है लेकिन उस दिशा की तरफ जाने से ही कतराते हैं।

अपने आप से छुपा छुपी खेलते हैं और हर बार गलत को ढूंढ लेते हैं या दाम ही देते रहते हैं। एसे में कच्ची हंडी वाले के मजे रहते हैं, बस नाम को छोड़कर।

Sandeep Kumar Verma
Sandeep Kumar Verma

Written by Sandeep Kumar Verma

Spiritual seeker conveying own experiences. Ego is only an absence, like darkness, bring in the lamp_awareness&BeA.LightUntoYourself. https://linktr.ee/Joshuto

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